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Lingashtakam || लिङ्गाष्टकम्

 लिङ्गाष्टकम्  ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् । जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥ देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् । रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥ सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् । सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥३॥ कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् । दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥४॥ कुङ्कुमचन्दनलेपितलिङ्गं पङ्कजहारसुशोभितलिङ्गम् । सञ्चितपापविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥५॥ देवगणार्चितसेवितलिङ्गं भावैर्भक्तिभिरेव च लिङ्गम् । दिनकरकोटिप्रभाकरलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥६॥ अष्टदलोपरिवेष्टितलिङ्गं सर्वसमुद्भवकारणलिङ्गम् । अष्टदरिद्रविनाशितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥७॥ सुरगुरुसुरवरपूजितलिङ्गं सुरवनपुष्पसदार्चितलिङ्गम् । परात्परं परमात्मकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥८॥ लिङ्गाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेत् शिवसन्निधौ। शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥ Lingashtakan in English Subtitle /Lyrics Brahma Muraari Sura Aa...

हनुमान चालीसा का सिद्ध प्रयोग पूजन विधि के साथ

  हम सभी गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित  हनुमान चालीसा   की शक्ति और चमत्कार जानते है और आवशयकता अनुसार इसका प्रयोग करते है. आज हम आपको  हनुमान चालीसा  का 1 सिद्ध प्रयोग ( Hanuman Chalisa ke Sidh Prayog ) बता रहे है जिसको करने से आपकी सभी मनोकामना  भगवन हनुमान  पूरी करते है. इस  हनुमान चालीसा के सिद्ध प्रयोग  को किसी भी मंगलवार या शनिवार को ही चालू करे और लगातार ७ मंगलवार या शनिवार करे Hanuman Chalisa ke Sidh Prayog Samagri प्रयोग सामग्री पीपल के 11 पत्ते 11 लाल गुलाब लाल चन्दन 1 नारियल 2 लौंग मिटटी का दिया सरसो का तेल बनारसी पान का बीड़ा 375 ग्राम मीठी बूंदी ……………………… Hanuman Chalisa ke Sidh Prayog Vidhi प्रयोग विधि मिटटी के दिए मै सरसो का तेल डाल कर उसमे २ लौंग डाल कर प्रज्वलित कर ले 375 ग्राम मीठी बूंदी मिटटी के प्याले मैं डाल कर हनुमानजी को भोग लगा दे बनारसी पान का बीड़ा हनुमानजी को अर्पित कर दे नारियल पर लाल चन्दन से स्वस्तिक का चिन्ह बनाकर हनुमानजी को अर्पित कर दे पीपल के 11 पत्ते लेकर साफ जल से धो लें। इन पत्तों पर लाल चंदन से प्रभु श्री...

श्री हनुमान जी के चमत्कारी 12 नाम की महिमा

हनुमानजी कलयुग के जागृत अजर अमर भगवान है और उनके चमत्कारी 12 नाम के स्मरण मात्र से आपके सारे कष्ट दूर हो जाते है. ऐसी है श्री हनुमान जी के चमत्कारी 12 नाम की महिमा| हनुमान जी को मारुती, बालाजी और सालासर के नाम से  भी  जाना  जाता है  |  श्री हनुमानजी दसों दिशाओं एवं आकाश-पाताल की सभी मुसीबतो से रक्षा करते हैं उनके चमत्कारी 12 नाम के स्मरण मात्र से। हनुमान जी के 12 चमत्कारी नाम  1 ॐ हनुमान 2 ॐ अंजनी सुत 3 ॐ वायु पुत्र 4 ॐ महाबल 5 ॐ रामेष्ठ 6 ॐ फाल्गुण सखा 7 ॐ पिंगाक्ष 8 ॐ अमित विक्रम 9 ॐ उदधिक्रमण 10.ॐ सीताशोकविनाशन 11.ॐ लक्षमणप्राणदाता 12.ॐ दशग्रीवदर्पहा Hope you find  Hanuman ji ke 12 Naam ki Mahima in Hindi  useful to solve your all problems. Jai Shri Ram! Jai Hanuman!

Hanuman Pujan Samagri || हनुमान पूजन सामग्री

  Hanuman Pujan Samagri In Hindi लाल कपडा/लंगोट जल कलश पंचामृत कंकु जनेऊ गंगाजल सिन्दूर चांदी/सोने का वर्क लाल फूल और माला इत्र भुने चंने गुड़ बनारसी पान का बीड़ा नारियल केले सरसो का तेल चमेली का तेल घी तुलसी पत्र दीपक धूप , अगरबत्ती कपूर हनुमान पूजन सामग्री   किसी भी किराने की दुकान या पूजन सामग्री की दुकान पर आसानी से मिल जाती हैं

Maruti Stotar || मारुति स्तोत्र

  ॥   मारुति   स्तोत्र  इन हिंदी लिरिक्स ॥ भीमरूपी महारुद्रा वज्र हनुमान मारुती । वनारी अन्जनीसूता रामदूता प्रभंजना ॥१॥ महाबळी प्राणदाता सकळां उठवी बळें । सौख्यकारी दुःखहारी दूत वैष्णव गायका ॥२॥ दीननाथा हरीरूपा सुंदरा जगदंतरा । पातालदेवताहंता भव्यसिंदूरलेपना ॥३॥ लोकनाथा जगन्नाथा प्राणनाथा पुरातना । पुण्यवंता पुण्यशीला पावना परितोषका ॥४॥ ध्वजांगें उचली बाहो आवेशें लोटला पुढें । काळाग्नि काळरुद्राग्नि देखतां कांपती भयें ॥५॥ ब्रह्मांडें माइलीं नेणों आंवाळे दंतपंगती । नेत्राग्नी चालिल्या ज्वाळा भ्रुकुटी ताठिल्या बळें ॥६॥ पुच्छ तें मुरडिलें माथां किरीटी कुंडलें बरीं । सुवर्ण कटि कांसोटी घंटा किंकिणि नागरा ॥७॥ ठकारे पर्वता ऐसा नेटका सडपातळू । चपळांग पाहतां मोठें महाविद्युल्लतेपरी ॥८॥ कोटिच्या कोटि उड्डाणें झेंपावे उत्तरेकडे । मंदाद्रीसारखा द्रोणू क्रोधें उत्पाटिला बळें ॥९॥ आणिला मागुतीं नेला आला गेला मनोगती । मनासी टाकिलें मागें गतीसी तूळणा नसे ॥१०॥ अणूपासोनि ब्रह्मांडाएवढा होत जातसे । तयासी तुळणा कोठें मेरु- मांदार धाकुटे ॥११॥ ब्रह्मांडाभोंवते वेढे वज्रपुच्छें करूं शके । ...

Sundar Kaand || सुन्दरकाण्ड

  सुन्दरकाण्ड इन हिंदी लिरिक्स श्लोक शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् । रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम्।।1।। नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा। भक्तिं प्रयच्छ रघुपुङ्गव निर्भरां मे कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च।।2।। अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।3।। जामवंत के बचन सुहाए। सुनि हनुमंत हृदय अति भाए।। तब लगि मोहि परिखेहु तुम्ह भाई। सहि दुख कंद मूल फल खाई।। जब लगि आवौं सीतहि देखी। होइहि काजु मोहि हरष बिसेषी।। यह कहि नाइ सबन्हि कहुँ माथा। चलेउ हरषि हियँ धरि रघुनाथा।। सिंधु तीर एक भूधर सुंदर। कौतुक कूदि चढ़ेउ ता ऊपर।। बार बार रघुबीर सँभारी। तरकेउ पवनतनय बल भारी।। जेहिं गिरि चरन देइ हनुमंता। चलेउ सो गा पाताल तुरंता।। जिमि अमोघ रघुपति कर बाना। एही भाँति चलेउ हनुमाना।। जलनिधि रघुपति दूत बिचारी। तैं मैनाक होहि श्रमहारी।। दो0- हनूमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रनाम।...

Bajrang Baan || बजरंग बाण

  श्री बजरंग बाण का पाठ इन हिंदी लिरिक्स दोहा : निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥ चौपाई : जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥ जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥ आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥ जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥ बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥ अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥ लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥ अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥ जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥ जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥ ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥ ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥ जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥ बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥ भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥ इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥ सत्य होहु ...